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ekadhshi भजन

Ek dharmi puche papi ne,एक धर्मी पूछे पापी ने,ekadashi bhajan

एक धर्मी पूछे पापी ने

एक पापी पूछे धर्मी ने, तेरा करया करया कर्म बताएं ,भजो भाई ग्यारस ने।

में तो कूवा खुदाया बावड़ी। महे तो बांधी बांधी सरवारिए री पाल,भजो भाई ग्यारस ने।एक पापी पूछे धर्मी ने, तेरा करया करया कर्म बताएं ,भजो भाई ग्यारस ने।

महे तो बड़ सिच्या पीपल सीच्या । महे तो सिच्यो सिच्यों तुलसा रो पेड़,भजो भाई ग्यारस ने।एक पापी पूछे धर्मी ने, तेरा करया करया कर्म बताएं ,भजो भाई ग्यारस ने।

महे तो बैन जिमाई सुहासिनी। महे तो भरी आया भांजी रो भात,भजो भाई ग्यारस ने।एक पापी पूछे धर्मी ने, तेरा करया करया कर्म बताएं ,भजो भाई ग्यारस ने।

में तो कूवा खुदाया ना बावड़ी। महे तो तोड़ी तोड़ी सरवारिए री पाल,भजो भाई ग्यारस ने।एक धर्मी पूछे पापी ने, तेरा करया करया कर्म बताएं ,भजो भाई ग्यारस ने।

महे तो बड़ ना सिच्या पीपली । महे तो नही सिच्यो तुलसा रो पेड़,भजो भाई ग्यारस ने।।एक धर्मी पूछे पापी ने, तेरा करया करया कर्म बताएं ,भजो भाई ग्यारस ने।

महे तो बैन ना जिमाई सुहासिनी। महे तो भरयो ना भांजी रो भात,भजो भाई ग्यारस ने।।एक धर्मी पूछे पापी ने, तेरा करया करया कर्म बताएं ,भजो भाई ग्यारस ने।

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