मोरी मैया की मुंदरी खो गई कहां ढूंढू में जाके।कहां ढूंढू में जाके। अभी अभी तो यही धरी थी ले गया कौन उठाके।मोरी मैया की मुंदरी खो गई कहां ढूंढू में जाके।कहां ढूंढू में जाके।
ढूंढत ढूंढत पहुंची में मेहर। पूछूं मैं सबके पहियां पढ़कर। आल्हा भगत जी तुम ही बताओ,ले गया कौन उठाके।मोरी मैया की मुंदरी खो गई कहां ढूंढू में जाके।कहां ढूंढू में जाके।
ढूंढत ढूंढत पहुंची में बांगड़। पूछूं मैं सबके पहियां पड़कर।भानु भगत जी तुम ही बताओ, ले गया कौन उठाके।मोरी मैया की मुंदरी खो गई कहां ढूंढू में जाके।कहां ढूंढू में जाके।
ढूंढत ढूंढत पहुंची डूंगर पर। पूछूं मैं सबके पहियां पड़कर। विक्रम जी अब तुम ही बताओ, ले गया कौन उठाके।मोरी मैया की मुंदरी खो गई कहां ढूंढू में जाके।कहां ढूंढू में जाके।
ढूंढत ढूंढत पहुंची पावागढ़। पूछूं मैं सबके पहियां पढ़कर। भगत निरंजन तुम ही बताओ, ले गया कौन उठाके।मोरी मैया की मुंदरी खो गई कहां ढूंढू में जाके।कहां ढूंढू में जाके।
मोरी मैया की मुंदरी खो गई कहां ढूंढू में जाके।कहां ढूंढू में जाके। अभी अभी तो यही धरी थी ले गया कौन उठाके।मोरी मैया की मुंदरी खो गई कहां ढूंढू में जाके।कहां ढूंढू में जाके।