दशरथ के घर राम जनमें चेत महीना नवमी के दिन में।नवमी के दिन में रे नवमी के दिन में।दशरथ के घर राम जनमें चेत महीना नवमी के दिन में।
सारे देवता खुशियां मनावे।महलों में दासी चंवर झुलावे।फूलों की वर्षा गगन में,चेत महीना नवमी के दिन में।दशरथ के घर राम जनमें चेत महीना नवमी के दिन में।
वासी अवध के आरती उतारे। मैया कौशल्या का लल्ला निहारे। देते बधाई सब मनसे, चेत महीना नवमी के दिन में।दशरथ के घर राम जनमें चेत महीना नवमी के दिन में।
सुंदर सुडौल अखियां कजरारी। आए देखने सब नर नारी। भीड़ लगी सुहाने भवन में, चेत महीना नवमी के दिन में।दशरथ के घर राम जनमें चेत महीना नवमी के दिन में।
दशरथ के घर राम जनमें चेत महीना नवमी के दिन में।नवमी के दिन में रे नवमी के दिन में।दशरथ के घर राम जनमें चेत महीना नवमी के दिन में।