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shadi geet

Chadh gaya hatho me teri prit ki mehandi ka rang,चढ़ गया हाथो पे तेरी प्रीत की मेहंदी का रंग,shadi geet

चढ़ गया हाथो पे तेरी प्रीत की मेहंदी का रंग,

चढ़ गया हाथो पे तेरी प्रीत की मेहंदी का रंग, छूटे अंगना ये चौबारे छूटे गया सखियों का सं



जिन बाहों में खेली हूँ बाहों में तू भर ले। मेरे हाथ को तू बाबा ज़रा ज़ोर से पकड़ ले।
भैया को और मा को रखना संभाल। बाबा मेरे बगैर रखना अपना ख़याल।

बाबा यादो को संजोए दिल में करदे तू विदाई।
गलियाँ हुई रे पराई ओ रे बाबा हुई रे पराई। तेरी बिटिया हुई रे पराई ओ रे बाबा हुई रे परा



जितनी निभ सकी ओ बाबा मैने सब निभाई।
गलिया हुई पराई ओ रे बाबा हुई रे पराई। तेरी बिटिया हुई रे पराई ओ रे बाबा हुई रे परा



चढ़ गया हाथों पे तेरी प्रीत की मेहंदी का रंग। छूटे अंगना ये चौबारे छूटे गया सखियों का सं



मैं तेरे बागों की मैना इक दिन उड़ जाना था। छोड़ के तेरी फुलवारी दूसरे घर आना था।
मैं तेरे बागो की मैना इक दिन उड़ जाना था। छोड़ के तेरी फुलवारी दूसरे घर आना था।



ऐ विधाता तूने ऐसी क्यूँ बनाई,
गलियाँ हुई पराई ओ रे बाबा हुई रे पराई। तेरी बिटिया हुई रे पराई ओ रे बाबा हुई रे परा



याद जब जब आएगी तुझसे मिलने आउंगी। मैं तेरे बाहों का झूला भूल ना कभी पाउंगी।
याद जब जब आएगी तुझसे मिलने आउंगी। मैं तेरे बाहों का झूला भूल ना कभी पाउंगी।



सारी उमर रुलाएगी अब मुझको तेरी जुदाई।
गलियाँ हुई पराई ओ रे बाबा हुई रे पराई। तेरी बिटिया हुई रे पराई ओ रे बाबा हुई रे परा

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