अर्जी सुन्ज्यो दीनानाथ, थे तो भूता रा सरदार
तेरी महिमा अपरम्पार धतूरो बोयो वन मे
भांगडली गरनाई रे शिव थारा नैना मे।
शिव थारी बैला की है सवारी,
तुझको लागे है घणी प्यारी
नाग बिराजे गले में।भांगडली गरनाई रे शिव थारा नैना मे।
शिव थारी गौरा है अर्धांगिनी,
तुझको घोट पिलावे भंग री,
गिरीजा रहवे संग मे।भांगडली गरनाई रे शिव थारा नैना मे।
शिव थारा पगा घूघरा बाजे,
थारा हाथ मे डमरू बाजे,
भवूती रमाई तन मे।भांगडली गरनाई रे शिव थारा नैना मे।
शिव थाने धन्ना दास कथ गावे,
अपने गुरू को शीष नवावे,
भजन बना दियो रंग मे।भांगडली गरनाई रे शिव थारा नैना मे।