श्रद्धा की पालकी में मैं तुम्हें बिठाऊंगा। घर चल अंबे मां मैं घर ले जाऊंगा। मेरे घर चल अंबे मां मैं घर ले जाऊंगा।
मेरी मां भी नही रही,बिन मां के तड़पता हूं।बिन मां के क्या जीना,घुट घुट के जीता हूं। आंचल में छुपा लो मां सारे दुखड़े सुनाऊंगा।मेरे घर चल अंबे मां मैं घर ले जाऊंगा।
श्रद्धा की पालकी में मैं तुम्हें बिठाऊंगा। घर चल अंबे मां मैं घर ले जाऊंगा। मेरे घर चल अंबे मां मैं घर ले जाऊंगा।
में रात को जग मैया बस अकेला होता हूं।माता लेकर फोटो छुप छुप कर रोता हूं। दुनिया वाले हंसते सारे जख्म दिखाऊंगा। मेरे घर चल अंबे मां मैं घर ले जाऊंगा।
श्रद्धा की पालकी में मैं तुम्हें बिठाऊंगा। घर चल अंबे मां मैं घर ले जाऊंगा। मेरे घर चल अंबे मां मैं घर ले जाऊंगा।
इस रामअवतार पे मां बस इतना करम कर दो। जब तेरे भजन गाउ वाणी में जोश भर दो। सब नाचेंगे अंबे मैं तुझको रिझाऊंगा।मेरे घर चल अंबे मां मैं घर ले जाऊंगा।
श्रद्धा की पालकी में मैं तुम्हें बिठाऊंगा। घर चल अंबे मां मैं घर ले जाऊंगा। मेरे घर चल अंबे मां मैं घर ले जाऊंगा।