बिजल कड़के पगा में घुंघर घमके। मैया रे आगे काला गोरा भेरू, नाचे जमके।बिजल कड़के पगा में घुंघर घमके। मैया रे आगे काला गोरा भेरू, नाचे जमके।
सिंह सवारी कर असवारी निकली सजके। मैया री छवि निराली घाटा वाली देखू रज के।बिजल कड़के पगा में घुंघर घमके। मैया रे आगे काला गोरा भेरू नाचे जमके।
त्रिशूल विराजे डमरु बाजे भालो भलके। छप्पन भोग छत्तीसों व्यंजन प्यालो भर के। बिजल कड़के पगा में घुंघर घमके। मैया रे आगे काला गोरा भेरू नाचे जमके।
आई जो आंगन मरुधर माही नंदी चड़के। भारी चरण चारणी अबो तारणी माई घट में।बिजल कड़के पगा में घुंघर घमके। मैया रे आगे काला गोरा भेरू नाचे जमके।
मुस्ताक भगड़वा देवन आवे धोलागढ़ के। विजय कवि आकाश रे वालो आवे गढ़ पे। अनिल नागौरी गावे रे मैया आओ मंड में। बिजल कड़के पगा में घुंघर घमके। मैया रे आगे काला गोरा भेरू नाचे जमके।