मारू थारे देश में तो निपजे तीन रतन।एक ढोला दूजी मारवन तिजो कसूमल रंग।
केसरिया बालम आओ नी पधारो म्हारे देश।केसरिया बालम आवोनी, पधारो म्हारे देश जी
पियाँ प्यारी रा ढोला, आवोनी, पधारो म्हारे देश।
आवण जावण कह गया, तो कर गया कोल अनेक।गिणताँ गिणताँ घिस गई, म्हारे आंगलियाँ री रेख।केसरिया बालम आवोनी, पधारो म्हारे देश।
साजन साजन मैं करूँ, तो साजन जीवजड़ी
साजन फूल गुलाब रो, सुंघुँ घडी घडी
केसरिया बालम आवोनी, पधारो म्हारे देश।
मारू थारा देश में , निपजे तीन रत्न
इक ढोला इक मरवण,तीजो कसुमल रंग
केसरिया बालम आवोनी, पधारो म्हारे देश।
सुपना तू सोभागियो, उत्तम थारी जात
सो कोसा साजन बसै, आन मिलै परभात
केसरिया बालम आवोनी, पधारो म्हारे देश जी।