आंखें कजरे की धार गल मोतियों के हार, तेरा ऐसा रूप सिंगार मां तुम कितनी सुंदर हो।तुम कितनी सुंदर हो।
तेरे चारों तरफ नजारे तेरे दुश्मन तुझ से हारे। तूने चंड मुंड संघारे, और सुम्भ निसुम्भ बिडारे। तूने महिषासुर दिया मार, मां तेरी शक्ति अपार। तेरी हो रही जय जयकार मां तुम कितनी सुंदर हो।
आंखें कजरे की धार गल मोतियों के हार, तेरा ऐसा रूप सिंगार मां तुम कितनी सुंदर हो।तुम कितनी सुंदर हो।
तेरी दमदम बिंदिया दमके तेरी मांग सिंदूरी चमके। हाथों में कंगना खनके, पैरों में पायल छनके। तेरे यह सोलह सिंगार मां तेरा रूप अपार। तेरा लगा हुआ दरबार मां तुम कितनी सुंदर हो। तुम कितनी सुंदर हो।
आंखें कजरे की धार गल मोतियों के हार, तेरा ऐसा रूप सिंगार मां तुम कितनी सुंदर हो।
जैसा सिंगार है तेरा मां वैसा ही रखना मेरा। हो जब तक मेरा जीवन रहे जीवन साथी मेरा। मां तेरी दया अपार तेरे भरे हुए भंडार। तेरी हो रही जय जयकार मां तुम कितनी सुंदर हो। तुम कितनी सुंदर हो।
आंखें कजरे की धार गल मोतियों के हार, तेरा ऐसा रूप सिंगार मां तुम कितनी सुंदर हो।