दोष मत दीजे म्हारा रामा कंवर ने बुरा मत कीजिए, भोला करनी को फल या मिले हो जी।
जाजम डालो भाई बैठो जगत से।अमृत प्याला पी रहे हो जी।।इना समंद में हीरा जो नीबजे।
एक पलक में छोडी चल्या हो जी।।दोष मत दीजे म्हारा रामा कंवर ने बुरा मत कीजिए, भोला करनी को फल या मिले हो जी।
इना समंद में तीन पालकी।चवदा भवन में फिरी रया हो जी।।इना समंद में रतन पिरोया।
सार अखंड में हील रया हो जी।।दोष मत दीजे म्हारा रामा कंवर ने बुरा मत कीजिए, भोला करनी को फल या मिले हो जी।
धर्मराज का छापा रे तोले।करनी रा फल वा खुले हो जी।।हरि चरणों में भाटी हरजी रे बोले।
नीज चरणों में लिपटाई रया हो जी।।दोष मत दीजे म्हारा रामा कंवर ने बुरा मत कीजिए, भोला करनी को फल या मिले हो जी।