रे तने कर दूं ठाठ कैलाश पे मेरी सुन ले गोरा प्यारी।तेरी सुन सुन के या बात कान मेरे पक गए से भंडारी।
बिलकुल सांच बताऊं गोरा,झूठ नही बहकाऊं गोरा।सब टिक रही से विश्वास के ऊपर बिल्कुल दुनियादारी।तेरी सुन सुन के या बात कान मेरे पक गए से भंडारी।
जब से भोले ब्याह के आई कोई चीज ना तने मंगाई। ईत पहाड़यां के बीच रह रहकर मेरी उमर बीत गई सारी।तेरी सुन सुन के या बात कान मेरे पक गए से भंडारी।
मने बता के चाहवे गौरा,बिलकुल ना घबरावे गौरा। महल हवेली नौकर चाकर धन की भरू अटारी।तेरी सुन सुन के या बात कान मेरे पक गए से भंडारी।
जाने से मेरे मन की सारी, भोलेनाथ इब मर्जी थारी। योर भीमसेन कहे गोरा तोहै समझा समझा हारी।तेरी सुन सुन के या बात कान मेरे पक गए से भंडारी।
रे तने कर दूं ठाठ कैलाश पे मेरी सुन ले गोरा प्यारी।तेरी सुन सुन के या बात कान मेरे पक गए से भंडारी।