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श्याम भजन लिरिक्स

Mope mor chadi lahrayi gayo ri wo teen vaan ko dhari,मोपे पर मोर छड़ी लहराई गयो री वो तीन बाण का धारी,shyam bhajan

मोपे पर मोर छड़ी लहराई गयो री वो तीन बाण का धारी।

मोपे पर मोर छड़ी लहराई गयो री वो तीन बाण का धारी।वो तीन बाण का धारी रे वह खाटू का बनवारी।मोपे पर मोर छड़ी लहराई गयो री वो तीन बाण का धारी।

नीले घोड़े चढ़कर आयो, अद्भुत नूर छवि पे छायो। मोपे नशा अजब सा छाई गयो रे जब दिल से छवि निहारी। मोपे पर मोर छड़ी लहराई गयो री वो तीन बाण का धारी।

इत्र बरसाता मोर छड़ी से, हुई रूबरू श्याम धनी से। मेरे तन के कष्ट मिटाए गयो रे कट गई सारी बीमारी। मोपे पर मोर छड़ी लहराई गयो री वो तीन बाण का धारी।

मेरे हो गए वारे न्यारे, लेकर मोर छड़ी के झाडे मेरे कारज मेरे कारज सारे कराए गयो री भवसागर से नाव उतारी।मोपे पर मोर छड़ी लहराई गयो री वो तीन बाण का धारी।

अनु शर्मा श्याम दीवानी, श्याम धनी की गाय कहानी लोकेश प्रजापति छाई गयो रे जब लिखे कविता प्यारी। मोपे पर मोर छड़ी लहराई गयो री वो तीन बाण का धारी।

मोपे पर मोर छड़ी लहराई गयो री वो तीन बाण का धारी।वो तीन बाण का धारी रे वह खाटू का बनवारी।मोपे पर मोर छड़ी लहराई गयो री वो तीन बाण का धारी।

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