तर्ज,बनी थारो चांद सरिसो मुखड़ा
मिसरी सु मीठी गवरा म्हारी, देवे सबने आशीष मां। सखियां सारी फीकी लागे एसो रूप सजीलो सा।गौरा थारो चांद सरिसो मुखड़ो
सगला रो मन हरषाय। गौरा जरा धीमे-धीमे चालो ईसरजी साग आय।
फुलो से भी प्यारी लागो हिवडो खुश हो जावे सा खूब निरखा पल-पल थाने थे तो सुहाग बांटो सागौरा थारी आख्या जादूगारी म्हारो तो मन बहकाय। गौरा थारा केश है कामनगारा म्हारो तो मन उलझाय।
गौरा थारो चांद सरिसो मुखड़ो
सगला रो मन हरषाय। गौरा जरा धीमे-धीमे चालो ईसरजी साग आय।
गौरा थारी जद पायलडी बाजे म्हारो तो मन हरखाय। गौरा थारो रुप है जादूगारो थाने देख ईसर मुसकाय।गौरा थारो चांद सरिसो मुखड़ो
सगला रो मन हरषाय। गौरा जरा धीमे-धीमे चालो ईसरजी साग आय।
मिसरी सु मीठी गवरा म्हारी, देवे सबने आशीष मां। सखियां सारी फीकी लागे एसो रूप सजीलो सा।गौरा थारो चांद सरिसो मुखड़ो
सगला रो मन हरषाय। गौरा जरा धीमे-धीमे चालो ईसरजी साग आय।