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krishna bhajan lyrics कृष्ण भजन लिरिक्स

Gujarki pakdyo hath chudawe dinanath,गुजरकी पकड़ियो हाथ छुड़ावे दीनानाथ,krishna bhajan

गुजरकी पकड़ियो हाथ, छुड़ावे दीनानाथ।

गुजरकी पकड़ियो हाथ, छुड़ावे दीनानाथ। गुजरकी पकड़ियो हाथ, छुड़ावे दीनानाथ।साची साची कह दे रे कान्हा कुन कुन थारे साथ।गुजरकी पकड़ियो हाथ, छुड़ावे दीनानाथ।

मैं तो म्हारे घर में सुत्यो ग्वाला आर जगायो। अरे चाल रे कान्हा दही खाबा ने यूं कहकर जगायो। ऊंचो छीको दही की मटकी ओछा म्हारा हाथ।गुजरकी पकड़ियो हाथ, छुड़ावे दीनानाथ।गुजरकी पकड़ियो हाथ, छुड़ावे दीनानाथ।

गदगद होकर उठी गुजरी मोहे जगाकर लाई। मां के ऊपर डाल चुनरी छाने छाने आई। यो तो थारो लाल यशोदा पकड़ीयो रंगे हाथ।गुजरकी पकड़ियो हाथ, छुड़ावे दीनानाथ।गुजरकी पकड़ियो हाथ, छुड़ावे दीनानाथ।

मां यशोदा यू उठ बोली कोन्या म्हारो लालो उठा लूंघड़ी देखन लागी बन गयो दाढ़ी वालो। मां यशोदा यूं उठ बोली यो किण को छ भरतार।गुजरकी पकड़ियो हाथ, छुड़ावे दीनानाथ।गुजरकी पकड़ियो हाथ, छुड़ावे दीनानाथ।

गज गज भर का काढ घुंगटा सब सखियां शर्माई। वाह रे म्हारा कृष्ण कन्हैया देख लई चतुराई। भगत सारा यूं ही बोले रखो सिर पर हाथ।गुजरकी पकड़ियो हाथ, छुड़ावे दीनानाथ।गुजरकी पकड़ियो हाथ, छुड़ावे दीनानाथ।

गुजरकी पकड़ियो हाथ, छुड़ावे दीनानाथ। गुजरकी पकड़ियो हाथ, छुड़ावे दीनानाथ।साची साची कह दे रे कान्हा कुन कुन थारे साथ।गुजरकी पकड़ियो हाथ, छुड़ावे दीनानाथ।

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