होगी तेरी जीत कल आज हुई जो हार। बंदे चिंता क्यों करें है खाटू दरबार। प्यार से दुनिया कह रही जिनको लखदातार। है वह अपने तो श्याम जी अपने तो श्याम जी।
मायूसी की बात क्या खामोशी क्यों यार। टूटी नैया भी लगी जब भक्तों की पार।बाबा अपना क्यों रखे फिर हमको मझधार हो।अपने तो श्याम जी अपने तो श्याम जी।
सारी दुनिया की यहां जिसके हाथ में डोर। जाएंगे उस धाम हम अपना वही है ठोर। मिलता है सो बार जिसे यहां श्याम परिवार हो।अपने तो श्याम जी अपने तो श्याम जी।अपने तो श्याम जी अपने तो श्याम जी।
दर्शन जिसको मिल गए उसकी क्या है बात। जिसके दिल में श्याम जी उसके कैसी मात। हो रही दुनिया में हरीश बाबा की जय कार हो। अपने तो श्याम जी अपने तो श्याम जी।अपने तो श्याम जी अपने तो श्याम जी।
होगी तेरी जीत कल आज हुई जो हार। बंदे चिंता क्यों करें है खाटू दरबार। प्यार से दुनिया कह रही जिनको लखदातार। है वह अपने तो श्याम जी अपने तो श्याम जी।