तर्ज : तेरी आँख्या का यो काजल
मेरा बाबा खाटुवाला, वो लीले घोड़ेवाला हारे का साथ निभाए, मेरा श्यामधणी रखवाला मेरा हरपल, हरपल, हरपल साथ निभावे है मैं जब भी पुकारूँ लीले चढ़कर आवै है ।
साँझ सवेरे मैं तेरा दीदार करता हूँ श्यामधणी से सबसे ज्यादा प्यार करता हूँ मेरी ज़िंदगी सजा दी, मुझको गले लगाया मुझे ख़ाक से उठाकर, पलकों पे है बिठाया मेरा हरपल, हरपल, हरपल साथ निभावे है, मैं जब भी पुकारूँ लीले चढ़कर आवै है ।
फागण के मेले में, हमें खाटू जाएँगे श्यामधणी के नाम का हम, निशान उठाएँगे मीठे भजन सुनाके, बाबा को रिझाएँगे ग्यारस बारस में, इनका पावन दर्शन पाना है मेरा हरपल, हरपल, हरपल साथ निभावे है मैं जब भी पुकारूँ लीले चढ़कर आवै है ।।
गुणगान किया है जबसे, हर काम बना मेरा मैं गर्व से कहता खाटूवाला श्याम है मेरा दुनिया बदल गयी है, तेरा साथ जबसे पाया रहता किशन के सर पे, इनकी कृपा का साया मैं जब भी पुकारूँ लीले चढ़कर आवै है ॥
मेरा बाबा खाटुवाला, वो लीले घोड़ेवाला हारे का साथ निभाए, मेरा श्यामधणी रखवाला मेरा हरपल, हरपल, हरपल साथ निभावे है मैं जब भी पुकारूँ लीले चढ़कर आवै है ।