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Kayo papad chamak di badi,सेठ जी से सेठानी लड़ी कयो पापड़ छमक दी बड़ी,shadi geet

सेठ जी से सेठानी लड़ी, कयो पापड़ छमक दी बड़ी।

तर्ज, जिंदगी की ना टूटे लड़ी

सेठ जी से सेठानी लड़ी, कयो पापड़ छमक दी बड़ी।सेठ जी से सेठानी लड़ी, कयो पापड़ छमक दी बड़ी।

सारे घर का मैं काम करूं, और कूलर में पानी भरूं। तनख्वाह सगली में थारे धरूं। फिर भी घर में मैं भूखो मरूं। इतनों सुनती सेठानी चिढ़ी।कयो पापड़ छमक दी बड़ी।

सेठ जी से सेठानी लड़ी, कयो पापड़ छमक दी बड़ी।सेठ जी से सेठानी लड़ी, कयो पापड़ छमक दी बड़ी।

थारे खावण में नखरा घना। मने कहवे है सगला जना। हरा साग ना मुंडे धरे, खावे चुन चावल और चना। रोला करे क्यों रसोई में खड़ी।कयो पापड़ छमक दी बड़ी।

सेठ जी से सेठानी लड़ी, कयो पापड़ छमक दी बड़ी।सेठ जी से सेठानी लड़ी, कयो पापड़ छमक दी बड़ी।

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