ई कलियुग में घड़ी घड़ी , बाबा की घूमे मोरछड़ी
बाबा की घूमे मोरछड़ी , सावरिये की घूमे मोरछड़ी।ई कलियुग में
मोरछड़ी जद घूमे तो , भक्तो का दुःख कट जावे है।मोरछड़ी के फटकार से , अंधकार मिट जावे है।करे है रक्षा खड़ी खड़ी , बाबा की घूमे मोरछड़ी।ई कलियुग में
या बाबा की मोरछड़ी , भक्ता के साग चाले है
आ की शक्ति बहोत बड़ी , दुश्मन को कालजो हाले है।बात बनादे बड़ी बड़ी , बाबा की घूमे मोरछड़ी।ई कलियुग में
लाख भरोसो मोरछड़ी पर , आंकी महिमा भारी है।बनवारी ज्यादा के बोलू , या श्याम धणी ने प्यारी है।नाव चलादे पड़ी पड़ी , बाबा की घूमे मोरछड़ी।ई कलियुग में
मोरछड़ी हाथा में राखे , सारे जग में चर्चा है
ना सोवे ना खावे पीवे , जाने बच्चा बच्चा है
मौसी नाचे खड़ी खड़ी , बाबा की घूमे मोरछड़ी
ई कलियुग में