नाच कर निशान चढ़ायो नहीं जाय।अब खाटू में घाघरो घुमायो नही जाय।
फागण ताई मेरो घागरो बाबा मैं जयपुर से मंगाऊं। फागण में पैरन की खातिर चौखा चौखा दाम लगाऊं। अयियां मेहंगो घागरो सीमायो नहीं जाए।अब खाटू में घाघरो घुमायो नही जाय।
नाच कर निशान चढ़ायो नहीं जाय।अब खाटू में घाघरो घुमायो नही जाय।
पहल्यां मनडो राजी होतो श्याम धनी से नैन मिलाकर। श्याम धनी ने खूब निरखती झीनो झीनों घुंघटो उठाकर। अयियां तो यो घूंघटो उठायो नहीं जाये।अब खाटू में घाघरो घुमायो नही जाय।
नाच कर निशान चढ़ायो नहीं जाय।अब खाटू में घाघरो घुमायो नही जाय।
बांध पैजनिया फागनिए में मंदिरिय में खूब नाचती।भजन सुनावन थाने खातिर सारी सारी रात जागती। अयियां तो यो नाच दिखायो नही जाय।अब खाटू में घाघरो घुमायो नही जाय।
नाच कर निशान चढ़ायो नहीं जाय।अब खाटू में घाघरो घुमायो नही जाय।
जद जद थारो फागण आतो श्याम धनी ने हेला देतो।बनवारी खर्चन के खातिर घणा सार का धेला देतो। अब तेरे से फुर्सत में बुलायो नहीं जाए। अब खाटू में घाघरो घुमायो नही जाय।
नाच कर निशान चढ़ायो नहीं जाय।अब खाटू में घाघरो घुमायो नही जाय।