आजा प्रेमी बागां में कोयलड़ी बोले है। मनड़ो म्हारो डोले है।आजा प्रेमी बागां में कोयलड़ी बोले है। मनड़ो म्हारो डोले है।
चढ़ती जवानी थारी लेवे अंगड़ाई तू तो नार पराई है ।म्हारे लारे हुई रे बावरी ।
काल सगाई है तू तो अजब लगाई है
आजा प्रेमी बागां में कोयलड़ी बोले है मनड़ो म्हारो डोले है।
थारी म्हारी प्रेम कहानी सारी दुनिया जाने है ।
थारो म्हारो प्रेम अमर है ,थारो म्हारो प्रेम अमर है ,सौगन्ध खाई है अब ना सहन जुदाई है
आजा प्रेमी बागां में कोयलड़ी बोले है मनड़ो म्हारो डोले है।
आजा प्रेमी बागां में कोयलड़ी बोले है मनड़ो म्हारो डोले है।
मदरी मदरी चले है बसन्ती घूंघट खोले है मनड़ो म्हारो डोले है।नदी किनारे बैठो प्रेमी झर झर आंसू रोवे है।दौड़ी दौड़ी आई रे प्रेमिका ,
दौड़ी दौड़ी आई रे प्रेमिका पायल बाजे है, मनड़ो म्हारो नाचे है।