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श्याम भजन लिरिक्स

Ucho rakh Nishan shyam ko lambi dori khich,ऊंचो राख निसान श्याम को लाम्बी डोरी खींच,shyam bhajan

ऊंचो राख निसान श्याम को , लाम्बी डोरी खींच

तर्ज – गीगा सोजया मेरा लाल




ऊंचो राख निसान श्याम को , लाम्बी डोरी खींच।भजन सुनाता चाला रींगस खाटू नगर के बीच।फागण आग्यो साथिड़ा , मिलकर चालां सगला खाटू बेगो टिकट कटा।




रिंगस से निशान उठावां खाटू नगरी पैदल जावां।रेसम की डोरी ने पकड़ा, नाचा बीच बाजा।भगता के संग ठुमक ठुमक कर ,
नाचे खुद सरकार।फागण आग्यो साथिड़ा , मिलकर चालां सगला खाटू बेगो टिकट कटा।




सांवरिया के द्वारे जाके श्याम रिझावां , भजन सुणाक जोत जगावां श्याम धणी की से , ग्यारस री रात ।बारस ने करां खीर चूरमो दयां जोड़े से जात।फागण आग्यो साथिड़ा , मिलकर चालां सगला खाटू बेगो टिकट कटा।




फागणिये की रुत मस्तानी बरसे अमृत चारु कानी।साँवरियो भी ले पिचकारी खेल रयो है फाग।एसो मोको मत ना चूको तन मन रंग ल्यो आज।फागण आग्यो साथिड़ा , मिलकर चालां सगला खाटू बेगो टिकट कटा।




श्याम को रंग जद चढ़ जावेगो दिन दिन , और निखर जावे गो।
चाहे जितना धोले गाबा कदे ना उतरे दाग
गढ़ो श्याम रंग है सरिता चढ़े , फाग के फाग।
फागण आग्यो साथिड़ा , मिलकर चालां सगला खाटू बेगो टिकट कटा

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