कीर्तन में जी कीर्तन में। कीर्तन में जी कीर्तन में।आज तुम्हारे कीर्तन में ।रंग बरसे श्याम तुम्हारे कीर्तन में,रंग बरसे।
सारे के सारे को न्योता था भेजा। भगत के यारों को न्योता था भेजा। आए वही जिनका मन तरसे रंग बरसे।रंग बरसे श्याम तुम्हारे कीर्तन में,रंग बरसे।
बड़े भी आए हैं छोटे भी आए। खरे भी आए हैं खोटे भी आए। देखने बाबा श्याम के पर्चे रंग बरसे।रंग बरसे श्याम तुम्हारे कीर्तन में,रंग बरसे।
बाबा का सोना सा मंदिर सजाया। भक्तों ने भी बड़ा रंग जमाया। कल होंगे इस बात के चर्चे रंग बरसे। रंग बरसे श्याम तुम्हारे कीर्तन में,रंग बरसे।
ढोलक भी गाये हैं चिमटा भी गाये। प्रेमी भी गाए हैं, चंग बजाए।आज अमृत की बरसा बरसे, रंग बरसे। रंग बरसे श्याम तुम्हारे कीर्तन में,रंग बरसे।