अरे यह तो होली खेल कर आयो रे बरसाने से कन्हैया। अरे यह तो फाग खेल कर आयो रे बरसाने से कन्हैया। बरसाने से कन्हैया बरसाने से कन्हैया।अरे यह तो होली खेल कर आयो रे बरसाने से कन्हैया।
गयो थो बनके छैल नंद को।हाल तो देखो बृज चंद को। अरे यह तो छोरी बन कर आयो रे बरसाने से कन्हैया।अरे यह तो होली खेल कर आयो रे बरसाने से कन्हैया।
गयो अकड़तो धूम मचातो,धूम मचातो रंग उड़ातो। अरे यह तो मुंह लटका कर आयो रे बरसाने से कन्हैया। अरे यह तो होली खेल कर आयो रे बरसाने से कन्हैया।
बंसी मोर मुकुट नटखट को। नजर ना आए इसको पीलो पटको। अरे यह तो गुलचा खा कर आयो रे बरसाने से कन्हैया।अरे यह तो होली खेल कर आयो रे बरसाने से कन्हैया।