तर्ज,में जट अमला
आया फागण मेला सुहाना, कि जग हुआ श्याम धनी का दीवाना, के चारों और निशान लहराए, सांवरे से मिलने सब आए।
कब से करें हैं इंतजार मेले में आने को। हर कोई व्याकुल श्याम का दर्शन पाने को। सबसे बड़ा है उत्सव श्याम दीवाने का। सबसे रंगीला मेला सारे इस जमाने का। आकर सारी चिंता भूलाना ,भुलाना,भुलाना।
आया फागण मेला सुहाना, कि जग हुआ श्याम धनी का दीवाना, के चारों और निशान लहराए, सांवरे से मिलने सब आए।
फागण मेले में खुशियां छा जाती है। भक्तों की टोलियां जयकारे गुंजाती है। मस्ती में नाचे गाए धूम मचाती है ।चंग धमाल मचा रंग उड़ाती है।चाहे सब श्याम रिझाना,रिझाना , रिझाना।
आया फागण मेला सुहाना, कि जग हुआ श्याम धनी का दीवाना, के चारों और निशान लहराए, सांवरे से मिलने सब आए।
फागण का मेला ना छूटे यह तमन्ना है। हर फागण में सांवरिया से मिलना है। ग्यारस की रात सारी भजनों में रमना है। सांवरे से खेले होली रंगों में रंगना है। राकेश को हरदम बुलाना बुलाना, बुलाना।
आया फागण मेला सुहाना, कि जग हुआ श्याम धनी का दीवाना, के चारों और निशान लहराए, सांवरे से मिलने सब आए।