महीनो फागण को सांवरिया थारी ओलु आवे रे। महीनो फागण को।
ईत गोकुल उत्त मथुरा नगरी। अध बीच फाग रामायीजे रे,महीनो फागण को।महीनो फागण को सांवरिया थारी ओलु आवे रे। महीनो फागण को।
लिख लिख पतिया भेज देनी हूं। फागण की ग्यारस माथे बेगो आयिजे रे,महीनो फागण को।महीनो फागण को सांवरिया थारी ओलु आवे रे। महीनो फागण को।
नहीं आयो तो कान्हा आन रा दारी।खेलन ने थाने आनो पडसी,महीनो फागण को।महीनो फागण को सांवरिया थारी ओलु आवे रे। महीनो फागण को।
ग्वाल बाल थारे संग में लाईजो। हस हस रंग लगाई जो रे,,महीनो फागण को।महीनो फागण को सांवरिया थारी ओलु आवे रे। महीनो फागण को।
सब सखियां थारे संग में लाईजो। हस हस रंग उडाईज्यो रे ,महीनो फागण को।महीनो फागण को सांवरिया थारी ओलु आवे रे। महीनो फागण को।
चंद्र सखी भज बाल की शोभा।अबीर रंग उडाईज्यो रे ,महीनो फागण को।महीनो फागण को सांवरिया थारी ओलु आवे रे। महीनो फागण को।