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श्याम भजन लिरिक्स

Darwar tera sawariya mero ji lalchawe se,दरबार तेरा सांवरिया मेरो जी ललचावे से,shyam bhajan

दरबार तेरा सांवरिया मेरो जी ललचावे से।

दरबार तेरा सांवरिया मेरो जी ललचावे से। सिंगार तेरो सांवरिया मेरो जी ललचावे से।दरबार तेरा सांवरिया मेरो जी ललचावे से। खाटू माही बैठयो बाबो माल लूटावे से।

खाटू माही बैठो बाबू खूब लूटावे मनिया। सगला ही आवे दर पे बामण हो या बनिया। झोली सब की भर दे जो आवे थारी नगरिया। एक बार तो चाल मारे श्याम की डगरिया। दर पर तेरे आवन खातिर मारो मन ललचावे से।खाटू माही बैठयो बाबो माल लूटावे से।

घुमया में तो कोलकाता दिल्ली हरियाणा। पर म्हारो मन तो बाबा खाटू का दीवाना। श्याम शरण के बिना कोई ना ठिकाना। राधा रानी संग तू भी अर्जी लगाना। बस हाथ पकड़ ले बाबा को फिर मत घबरावै से।खाटू माही बैठयो बाबो माल लूटावे से। दरबार तेरा सांवरिया मेरो जी ललचावे से।

दरबार तेरा सांवरिया मेरो जी ललचावे से। सिंगार तेरो सांवरिया मेरो जी ललचावे से।दरबार तेरा सांवरिया मेरो जी ललचावे से। खाटू माही बैठयो बाबो माल लूटावे से।

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