तर्ज, श्याम थारी क्या को घाटो जी
सांवरिया नैन मिला ले रे। मारो मत ना जीव जलावे थोड़ा हंस बतला ले रे।सांवरिया नैन मिला ले रे।
क्यों रे इतनो जुलुम करें मने जानबूझ तरसावे। तेरी लै बैठी मुस्कान छलिया प्रीत जगा ले रे।सांवरिया नैन मिला ले रे।
कद मोहे कान्हो मन की पूछे पल-पल बाट निहारु। मैंने आ जावे आनंद घणो सांवरिया गले लगा ले रे। सांवरिया नैन मिला ले रे।
तेरा रे रूठना दर्द बड़ावे राजी राजी रहिए ।अब छोड़ के बाण कुबान कन्हैया प्रेम बढ़ा ले रे। सांवरिया नैन मिला ले रे।
सांवरिया नैन मिला ले रे। मारो मत ना जीव जलावे थोड़ा हंस बतला ले रे।सांवरिया नैन मिला ले रे।