तर्ज- होली खेल रहे नन्दलाल
रंग बरसे लाल गुलाल, वृषभानु लली के मंदिर में, वृषभानु लली के मंदिर में, सब हो गए लालो लाल, वृषभानु लली के मंदिर में ।
भीगी चुनरी चोली दामन, भीगी चुनरी चोली दामन, मुख हो गए लालो लाल, वृषभानु लली के मंदिर में, रंग बरसें लाल गुलाल, वृषभानु लली के मंदिर में ।
सुन सुन कर साजो की सरगम, सुन सुन कर साजो की सरगम, सब नाचे बजाकर ताल, वृषभानु लली के मंदिर में, रंग बरसें लाल गुलाल, वृषभानु लली के मंदिर में।
राधा रूप छटा मन मोहनी, राधा रूप छटा मन मोहनी, कर दरश हो मनवा निहाल, वृषभानु लली के मंदिर में, रंग बरसें लाल गुलाल, वृषभानु लली के मंदिर में।
मन मधुप डूबा रंग रस में, मन मधुप डूबा रंग रस में, सब बोले जय जयकार, वृषभानु लली के मंदिर में, रंग बरसें लाल गुलाल, वृषभानु लली के मंदिर में।
रंग बरसे लाल गुलाल, वृषभानु लली के मंदिर में, वृषभानु लली के मंदिर में, सब हो गए लालो लाल, वृषभानु लली के मंदिर में ।