काजल भरीयो कुंपलो कोई पडयो पलंग रे हेत कोरो काजलियो।काजल भरीयो कुंपलो कोई पडयो पलंग रे हेत कोरो काजलियो।
इन काजलिये रे कारने कोई छोड़ा माई रे बाप कोरो काजलियो।काजल भरीयो कुंपलो कोई पडयो पलंग रे हेत कोरो काजलियो।
मैं थाने बरजू साहिबा, कोई उँधाले मत आये कोरो काजलियो।
उँधाले री रुत बुरी, कोई रातू ख़टमल खाए कोरो काजलियो।काजल भरीयो कुंपलो कोई पडयो पलंग रे हेत कोरो काजलियो।
मैं थाने बरजू साहिबा, कोई सावनिये मत आये कोरो काजलियो
सावनिये री रुत बुरी, कोई परनी पिहर जाए कोरो काजलियो।काजल भरीयो कुंपलो कोई पडयो पलंग रे हेत कोरो काजलियो।
मैं थाने कहु साहिबा, कोई सिहाले भल आये कोरो काजलियो।
सिहाले री रुत भली, कोई लिपट चिपट सोए जाए कोरो कजलियो।काजल भरीयो कुंपलो कोई पडयो पलंग रे हेत कोरो काजलियो।