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Holi geet

Kajal bhariyo kuplo koi padyo palang re het,काजल भरीयो कुंपलो कोई पडयो पलंग रे हेत कोरो काजलियो,holi geet

काजल भरीयो कुंपलो कोई पडयो पलंग रे हेत कोरो काजलियो।

काजल भरीयो कुंपलो कोई पडयो पलंग रे हेत कोरो काजलियो।काजल भरीयो कुंपलो कोई पडयो पलंग रे हेत कोरो काजलियो।


इन काजलिये रे कारने ,कोई छोड़ा मायरे बाप कोरो काजलियो।काजल भरीयो कुंपलो ,कोई पडयो पलंग रे हेत कोरो काजलियो।



मैं थाने बरजू साहिबा, कोई उँधाले मत आये कोरो काजलियो
उँधाले री रुत बुरी, कोई रातू ख़टमल खाए ,कोरो काजलियो।काजल भरीयो कुंपलो कोई पडयो पलंग रे हेत कोरो काजलियो



मैं थाने बरजू साहिबा, कोई सावनिये मत आये कोरो काजलिय
सावनिये री रुत बुरी, कोई परनी पिहर जाए कोरो काजलियो।काजल भरीयो कुंपलो कोई पडयो पलंग रे हेत कोरो काजलियो।



मैं थाने कहु साहिबा, कोई सिहाले भल आये कोरो काजलियो
सिहाले री रुत भली, कोई लिपट चिपट सोए जाए कोरो कजलियो।काजल भरीयो कुंपलो कोई पडयो पलंग रे हेत कोरो काजलियो।

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