तर्ज,धमाल
श्याम जी चोखी है गुलाल थारी नगरी की सांवरा चौखी है। भगता ने तो रंग चढ़यो है थारे नाम को,सांवरा चौखी है।श्याम जी चोखी है गुलाल थारी नगरी की सांवरा चौखी है।
सांवले रंग को श्याम बिहारी।की धोला रंग की है राधा प्यारी,सांवरा चौखी है।श्याम जी चोखी है गुलाल थारी नगरी की सांवरा चौखी है।
खाटू में बैठयो सांवरियो चोखा है दरबार जी।हाथा माही फाग रमें म्हारा सरकार जी,सांवरा चौखी है।श्याम जी चोखी है गुलाल थारी नगरी की सांवरा चौखी है।
भर भर मारे यो पिचकारी बैठ्यो रंग उड़ाए है।होली को रसियो है म्हारो लखदातार,सांवरा चौखी है।श्याम जी चोखी है गुलाल थारी नगरी की सांवरा चौखी है।
श्याम जी चोखी है गुलाल थारी नगरी की सांवरा चौखी है। भगता ने तो रंग चढ़यो है थारे नाम को,सांवरा चौखी है।श्याम जी चोखी है गुलाल थारी नगरी की सांवरा चौखी है।