तर्ज,महावीर तुम्हारे
सांवरिये पे दिल अटक गया कुछ होश नहीं कुछ खबर नहीं।सांवरिये पे दिल अटक गया कुछ होश नहीं कुछ खबर नहीं।
अपने यह मोटे नैनो से जादू और टोना करते हैं। जरा संभल के रहना तुम इनसे कहीं चुरा ना ले यह दिल को कहीं।सांवरिये पे दिल अटक गया कुछ होश नहीं कुछ खबर नहीं।
चुपके से भक्तों के दिल में आकर यह घर कर जाते हैं। जब इनका नशा चढ़ जाता है उसे रहती कुछ भी खबर नहीं। सांवरिये पे दिल अटक गया कुछ होश नहीं कुछ खबर नहीं।
होठों पर गजब की लाली है और लट काली घुंगराली है। तेरे श्याम सलोने मुखड़े को लग जाए किसी की नजर नहीं। सांवरिये पे दिल अटक गया कुछ होश नहीं कुछ खबर नहीं।
मधुबन में रास रचाते हो और बंसी मधुर बजाते हो। चंदन कहता है श्याम मेरे मेरी बीते सारी उम्र यही। सांवरिये पे दिल अटक गया कुछ होश नहीं कुछ खबर नहीं।