तर्ज,हो जायेगी बल्ले बल्ले
कर ले बावले तू तैयारी, छोड़कर सारी दुनियादारी। चल खाटू को आज निकल ले। चल खाटू को आज निकल ले। भर देगा वह झोली पल्ले, हो जाएगी बल्ले बल्ले।
वह खाटू में बैठा सबका भाग जगाता। लखदातार से जोड़ लिया जिसने भी अपना नाता।उसीकी है सरकार वहां पर और किसकी ना चल्ले चल्ले।चल जाए व्यापार वहां पर फौरन भरता सबके गल्ले।भर देगा वह झोली पल्ले, हो जाएगी बल्ले बल्ले।
भरे सदा भंडारे हमने हरपल देखे।पल में बदले बाबा सबके किस्मत के वो लेखे।उसकी जय जय कार के होते रहते हरदम हल्ले हल्ले।वक्त है तेरे पास अभी भी प्यारे तूं तो सम्हल ले सम्हल ले। भर देगा वह झोली पल्ले, हो जाएगी बल्ले बल्ले।
अपना सारा सुख दुःख जब तूं उसे सुनाए।किरपा करेगा बाबा तूं तो नाम ही नाम कमाए।मन में धीरज धार के बैठ जा,पहले तूं तो थल्ले ठल्ले। बनके सेवादार ये बाबा भरता रहता हरदम गल्ले।भर देगा वह झोली पल्ले, हो जाएगी बल्ले बल्ले।