होली खेले चारों भैया। सरयू के तट पर यमुना के तट पर। पवन चले पुरवइया।होली खेले चारों भैया।होली खेले चारों भैया।
अवधपुरी में जन्म लियो है। घर-घर बजे बधाइयां, होली खेले चारों भैया।होली खेले चारों भैया।
किसके हाथों में पिचकारी। किसके हाथों अबीरा,होली खेले चारों भैया।होली खेले चारों भैया।
रामा के हाथों में है पिचकारी। सिया के हाथे अबीरा। होली खेले चारों भैया।होली खेले चारों भैया।
किसकी भीगे मलमल पगड़ी। किसकी भीगे चुनरिया।होली खेले चारों भैया।होली खेले चारों भैया।
रामा की भीगे मलमल पगड़ी। सिया की भीगे चुनरिया। होली खेले चारों भैया।होली खेले चारों भैया।
अवधपुरी की शोभा न्यारी। पवन चले पुरवइया। होली खेले चारों भैया।होली खेले चारों भैया।