ओ खाटू वाले पकड़ो मेरा हाथ रे। खाटू वाले पकड़ो मेरा हाथ रे। मैं भी तेरे चरणों का हूं दास रे।ओ खाटू वाले पकड़ो मेरा हाथ रे।
जब जब कोई विपदा आई मैंने तुम्हें पुकारा है। तुम ही आकर बाबा मुझको देता रहा सहारा है।सौंपी मैने नैया तेरे हाथ रे।ओ खाटू वाले पकड़ो मेरा हाथ रे।ओ खाटू वाले पकड़ो मेरा हाथ रे।
दुर्योधन के मेवा त्यागे साग विदुर घर खाए हैं। भीलनी के बेर सुदामा के तंदुल रुच रुच भोग लगाए हैं। अपनों से तू करता सदा प्यार रे। ओ खाटू वाले पकड़ो मेरा हाथ रे।ओ खाटू वाले पकड़ो मेरा हाथ रे।
तुम हो श्याम दया के सागर तुमसे क्या छुपाऊं मै। मेरा तो तुम एक सहारा और कहां पे जाऊं मैं। हारे का तू देता सदा साथ रे।ओ खाटू वाले पकड़ो मेरा हाथ रे।ओ खाटू वाले पकड़ो मेरा हाथ रे।