तर्ज, भोला नाथ अमली
नागर नंद जी रा लाल, मारी यशोधरा रा बीर, लाई दो नी सांवरिया म्हाने फागणिया रो चीर।
काशी जी में डालो तनियो गयो द्वारका रे माई। फागणिया रो मोल करे हैं द्वारका रो नाथ।नागर नंद जी रा लाल, मारी यशोधरा रा बीर, लाई दो नी सांवरिया म्हाने फागणिया रो चीर।
फागणिया रा रूपिया लाग पच्चीस पचास। फागणिया रो मोल चुकावे द्वारका रो नाथ।नागर नंद जी रा लाल, मारी यशोधरा रा बीर, लाई दो नी सांवरिया म्हाने फागणिया रो चीर।
फागनिया रो येडे छेड़े हीरा मोती लाल। फागणिया रे बीच में गेरो फूल गुलाब। नागर नंद जी रा लाल, मारी यशोधरा रा बीर, लाई दो नी सांवरिया म्हाने फागणिया रो चीर।
फागणिया तो औढ राधा गया रसोया माई। सासु जी सरायो म्हारे सूरज उगियो आज। नागर नंद जी रा लाल, मारी यशोधरा रा बीर, लाई दो नी सांवरिया म्हाने फागणिया रो चीर।
फागणिया तो औढ राधा गया मेला रे माय। सांवरियो सरायो म्हाने दियो गले को हार।नागर नंद जी रा लाल, मारी यशोधरा रा बीर, लाई दो नी सांवरिया म्हाने फागणिया रो चीर।
फागणिया तो औढ राधा गया मिन्दर रे माय। सहेल्यां सरायी म्हाने दियो गले रो माल।नागर नंद जी रा लाल, मारी यशोधरा रा बीर, लाई दो नी सांवरिया म्हाने फागणिया रो चीर।
फागणियो तो गावे जाने बैकुंठा रो बास।गाय ने गवाए ज्यांरी हरी पुरे आश।नागर नंद जी रा लाल, मारी यशोधरा रा बीर, लाई दो नी सांवरिया म्हाने फागणिया रो चीर।