तर्ज,म्हारा श्याम रंगीला पलका
म्हाने हिचकी आवे छाजे पर बोले कालो कागलो। महाने श्याम बुलावे याद करे रे मारो सांवरो।
सोऊं तो सपने दिखे जी कोई बजा रहयो है चंग।भगता साग मिल रहयो कोई उड़ा रहयो है रंग जी। फागणियो आगयो झाला देवे हैं म्हारो सांवरों।महाने श्याम बुलावे याद करे रे मारो सांवरो।
म्हाने हिचकी आवे छाजे पर बोले कालो कागलो। महाने श्याम बुलावे याद करे रे मारो सांवरो।
काम करूं तो मन ना लगे जी म्हारो जिवडो उमड़यो जाय।यूं लागे सांवरियो म्हारे बगल खड़यो मुस्काय जी। म्हाने कुछ ना भावे जाऊं जठहे ही दिखे सांवरो।महाने श्याम बुलावे याद करे रे मारो सांवरो।
म्हाने हिचकी आवे छाजे पर बोले कालो कागलो। महाने श्याम बुलावे याद करे रे मारो सांवरो।
काली कोसां बस रहयो जी म्हारे मनडे रो चितचोर।पंख होवे तो उड़ जावती में सारा बंधन तोड़ जी।म्हारी सुध बिसरायी नैन मिलाके म्हारो सांवरा।महाने श्याम बुलावे याद करे रे मारो सांवरो।
म्हाने हिचकी आवे छाजे पर बोले कालो कागलो। महाने श्याम बुलावे याद करे रे मारो सांवरो।
दिल को तार मिलयो दिल से तो श्याम होया अधीर।हो घुड़ले असवार भक्तों आयो मन को मीत जी।म्हारी प्रीत पिछानी आयो है मिलने महासू सांवरो।महाने श्याम बुलावे याद करे रे मारो सांवरो।
म्हाने हिचकी आवे छाजे पर बोले कालो कागलो। महाने श्याम बुलावे याद करे रे मारो सांवरो।