फागण मेला आया नशा अलबेला छाया है। खाटू के खाटू श्याम ने खाटू में बुलाया है।
रींगस से खाटू का प्यारे गजब नजारा होगा। एमपी यूपी हरियाणा पंजाबी भी आया होगा। हर प्रेमी को श्याम ने जलवा खुद दिखलाया है।खाटू के खाटू श्याम ने खाटू में बुलाया है।
फागण मेला आया नशा अलबेला छाया है। खाटू के खाटू श्याम ने खाटू में बुलाया है।
उड़े हवा में रंग अबीरा श्याम ध्वजा लहराये। जगह-जगह पर लगे अखाड़े प्रेमी धूम मचाए। देख रूप मेरे श्याम का चंदा भी शरमाया है। खाटू के खाटू श्याम ने खाटू में बुलाया है।
फागण मेला आया नशा अलबेला छाया है। खाटू के खाटू श्याम ने खाटू में बुलाया है।
है शौकीन मिजाजी सांवरा बागा है सतरंगी। एक और है गोपीनाथजी दोहड़ी पर बजरंगी।। 13 सीढ़ियों पर इस ने दरबार सजाया है।खाटू के खाटू श्याम ने खाटू में बुलाया है।
फागण मेला आया नशा अलबेला छाया है। खाटू के खाटू श्याम ने खाटू में बुलाया है।
फागुन शुक्ला द्वादशी की जग में महिमा भारी। तीन बाण का धारी बना है खाटू में लखदातारी। गौरव ने गौरव श्याम धनी सब तुमसे पाया है। खाटू के खाटू श्याम ने खाटू में बुलाया है।
फागण मेला आया नशा अलबेला छाया है। खाटू के खाटू श्याम ने खाटू में बुलाया है।