तुमको एक चिठ्ठी में लिख रहा हूं। चिठ्ठी का फौरन जवाब चाहिए। कर्मों का मेरा क्या लेखा जोखा, अच्छे बुरे का हिसाब चहिए।
पहले पहले चिट्ठी में प्रणाम लिखा है।बाद जरूरी है जो काम लिखा है। कब्तक गरीबी के दिन में काटूं।अब तो रहीसों सा रुआब चाहिए।
तुमको एक चिठ्ठी में लिख रहा हूं। चिठ्ठी का फौरन जवाब चाहिए। कर्मों का मेरा क्या लेखा जोखा, अच्छे बुरे का हिसाब चहिए।
खुशियों के झोंके में डूबा रहा हुआ हूं मैं। देनी है सजा तो देना अगले जन्म में। मैंने सजाए सुंदर जो सपने। होने हकीकत वह ख्वाब चाहिए।
तुमको एक चिठ्ठी में लिख रहा हूं। चिठ्ठी का फौरन जवाब चाहिए। कर्मों का मेरा क्या लेखा जोखा, अच्छे बुरे का हिसाब चहिए।
करना सितम तो मुझे देना इशारा। रखना हमेशा मुझे बिल्कुल कुंवारा। धुल जाए जीवन के पाप सारे। करने को ऐसा जवाब चाहिए।
तुमको एक चिठ्ठी में लिख रहा हूं। चिठ्ठी का फौरन जवाब चाहिए। कर्मों का मेरा क्या लेखा जोखा, अच्छे बुरे का हिसाब चहिए।
ज्यादा क्या कहूं मैं बस, समझो इशारा आखिर में। लिखा प्रभु सेवक तुम्हारा, खाटू का इसमें लिखा पता है। तुम तक पहुंचे जवाब चाहिए।
तुमको एक चिठ्ठी में लिख रहा हूं। चिठ्ठी का फौरन जवाब चाहिए। कर्मों का मेरा क्या लेखा जोखा, अच्छे बुरे का हिसाब चहिए।