म्हाने खाटू में बुलाले बाबा श्याम
आयो मेलो फागण को।
कई दिन सु मन में लागि जावा खाटू धाम,
एक एक दिन गिन गिन कर काटा किया दिखे श्याम।म्हाने खाटू में बुलाले बाबा श्याम
आयो मेलो फागण को।
फागण मास रंगीलो थारे भागता के मन भावे,
खाटू के मेले के माहि नाच कूदता आवे।
म्हाने खाटू में बुलाले बाबा श्याम
आयो मेलो फागण को।
श्याम धनि सु आश धनि यो भगता रो प्रतिपल।
मेहर करो सेवक के ऊपर दर्शन दो हर साल,
म्हाने खाटू में बुलाले बाबा श्याम
आयो मेलो फागण को।
आलूसिंघ पर किरपा थारी रोज करे श्रृंगार,
केसर तिलक लगावे थारे इत्तर की भरमार
बाबा ‘संजू ’ ने बुलाले खाटूधाम ,
आयो मेलो फागण को।
म्हाने खाटू में बुलाले बाबा श्याम
आयो मेलो फागण को।