नटवर नागर गिरधारी हारी मैं तुमसे हारी। कंकरिया मारी श्याम ने कंकरिया मारी। मेरी मटकी दिनी फोड़ श्याम ने कंकरिया मारी।
रास्ता रोके बात बात पर निज करते झगड़ा। मैं गुजरी कहां जाऊं रे कन्हैया मोसे है तगड़ा। जो माखन नहीं खिलाओ तो मोहे देता है गारी।मेरी मटकी दिनी फोड़ श्याम ने कंकरिया मारी।मेरी मटकी दिनी फोड़ श्याम ने कंकरिया मारी।
दही बेचन को जाऊं काना रास्ता है रोके। कहां चली इठला के गुजरिया न्यू कहकर टोके। हां तंग आई है कान्हा से बृज की सारी नारी। मेरी मटकी दिनी फोड़ श्याम ने कंकरिया मारी।मेरी मटकी दिनी फोड़ श्याम ने कंकरिया मारी।
आज ना छोडूं कान्हा कि मैं रपट लिखाऊंगी। भीमसेन नंद बाबा से सब् जा बताऊंगी। मेरी एक न सुनता कान्हा मैं समझा समझा हारी। मेरी मटकी दिनी फोड़ श्याम ने कंकरिया मारी।मेरी मटकी दिनी फोड़ श्याम ने कंकरिया मारी।