अबकी फागण में बुला ले बाबा श्याम खाटू को फाग याद आवे। याद आवे रे मारो जी ललचावे।अबकी फागण में बुला ले बाबा श्याम खाटू को फाग याद आवे।
रंग बिरंगा ले गुलाल महे थारे खाटू आवा। दोनों हाथ मसल कर केसर थारे रंग लगावा।थे भी बन प्रेमी रंग दीज्यो म्हाने श्याम,खाटू को फाग याद आवे।अबकी फागण में बुला ले बाबा श्याम खाटू को फाग याद आवे।
फागन के लखी मेले में भीड़ लगे अति भारी। बड़े चाव से धोक लगावे टावर बारी-बारी।। थे तो जीत का तिलक करो श्याम, खाटू को फाग याद आवे।अबकी फागण में बुला ले बाबा श्याम खाटू को फाग याद आवे।
दुनिया में है सेठ बहुत पर थारो पार न पायो। नाच कूदतो चंग बजाते अनुज भी खाटू आयो। तेरे दर पर नाचे सगला घूमर घाल,खाटू को फाग याद आवे।अबकी फागण में बुला ले बाबा श्याम खाटू को फाग याद आवे।