अरे जा रे हट नटखट,
ना छू रे मेरा घूँघट।
अटक अटक झटपट पनघट पर,
चटक मटक इक नार नवेली,
गोरी गोरी ग्वालन की छोरी चली,
चोरी चोरी मुख मोरी मोरी,
मुसकाये अलबेली,
संकरी गली में मारी,
कंकरी कन्हैये ने,
पकरी बाँह और की अटखेली,
भरी पिचकारी मारी सारारारारा,
भोली पनिहारी बोली अरे रे रे रे।
अरे जा रे हट नटखट,
ना छू रे मेरा घूँघट,
पलट के दूँगी आज तुझे गाली रे,
मुझे समझो ना तुम,
भोली भाली रे,
आया होली का त्यौहार,
उड़े रंग की बौछार,
तू है नार नखरेदार मतवाली रे,
आज मीठी लगे है तेरी गाली रे।।
तक तक ना मार,
पिचकारी की धार,
कोमल बदन,
सह सके ना ये मार,
तू है अनाड़ी बड़ा ही गँवार,
कजरे में तूने,
अबीर दिया डार,
तेरी झकझोरी से,
बाज़ आयी होरी से,
चोर तेरी चोरी निराली रे,
मुझे समझो ना तुम,
भोली भाली रे।।
धरती है लाल,
आज अम्बर है लाल,
उड़ने दे गोरी,
गालों का गुलाल,
मत लाज का,
आज घूँघट निकाल,
दे दिल की धड़कन पे,
धिनक धिनक ताल,
झाँझ बजे चंग बजे,
संग में मृदंग बजे,
अंग में उमंग खुशियाली रे,
आज मीठी लगे है तेरी गाली रे।।
अरें जा रे हट नटखट,
ना छू रे मेरा घूँघट,
पलट के दूँगी आज तुझे गाली रे,
मुझे समझो ना तुम,
भोली भाली रे,
आया होली का त्यौहार,
उड़े रंग की बौछार,
तू है नार नखरेदार मतवाली रे,
आज मीठी लगे है तेरी गाली रे।।