ब्याह की सालगिरह आगी भोले के दिलवावोगे। एनिवर्सरी आगी भोले के दिलवावोगे। मैं अपने पीहर चली जा तूं कित ने लावोगे।अरे ब्रेकअप हो जागा भोले तूं कित ने लावोगे।
जब तब ब्रेकअप मैं ना जानू मेरी समझ ना आया।।तने पिछले साल मेरी फोड़ दई मैं नई चिलम ले आया। मैंने पता तो शाम को भंगिया पी कर आओगे। ब्रेकअप हो जाएगा जो तुम गिफ्ट न लाओगे।मैं अपने पीहर चली जा तूं कित ने लावोगे।
गिफ्ट ना लूंगी सोने का एक सुंदर महल बना दो। सोने की हो चैन केसरिया साड़ी चुनर ला दो। गोरा इस कैलाश शिखर पर कोई सा बाजार नहीं। एनिवर्सरी के चक्कर में घर-घर में तकरार नहीं। अरे गणपत कार्तिक खातिर अपने कपड़े लाओगे।मैं अपने पीहर चली जा तूं कित ने लावोगे।ब्रेकअप हो जाएगा जो तुम गिफ्ट न लाओगे।
तेरी गेलयां शादी करके मैं तो हो गई बोर। फागण और सावन में यहां मचे घने शोर। मैं कद खर्चू मस्त मलंगा जेब में ना एक धेला है। ऋषिकेश हरिद्वार घुमाद्यूं जाम बड़ा अलबेला है। तने नंदी पर बिठाकर दिखाद्यु कावड़ियों का मेला है। नंदी पर बिठाकर तुम हरिद्वार घुमाओगे।मैं अपने पीहर चली जा तूं कित ने लावोगे।ब्रेकअप हो जाएगा जो तुम गिफ्ट न लाओगे।
लक्ष्मी और ब्रह्माणी ताने मारे हसी उड़ाए। तेरा भोला मस्त मलंगा कहकर मने चीढ़ावे। रामअवतार के गेलया गावे आज ललित मस्ताना। बम बम करता जावे से भोले का बना दीवाना।अबकी सालगिरह ना तू नी बढ़ते आओगे।मैं अपने पीहर चली जा तूं कित ने लावोगे।ब्रेकअप हो जाएगा जो तुम गिफ्ट न लाओगे।