तर्ज,मीठे रस से
जाने कितने दिन पाछे आज बाबो मिलसी।म्हाने बाबो मिलसी। देखता ही बाबो म्हाने बांथी भरसी।
प्रेमयां से प्रेम करणों बाबा को स्वभाव है। टाबरिया ना देख आवतो बाबो भी हर्सावे है।बिना टाबरा के सांवरे के कैयां सरसी।हो कैयां सरसी।देखता ही बाबो म्हाने बांथी भरसी।
जाने कितने दिन पाछे आज बाबो मिलसी।म्हाने बाबो मिलसी। देखता ही बाबो म्हाने बांथी भरसी।
सांवरियों भी तो तरसे है टाबरिया के प्यार ने। रोक ना पावे लेवन आवे यो मंदिर के बारने। होसी धुंधलो नजारो म्हारी आंख्या झरसी।हो म्हारी आंख्या झरसी।देखता ही बाबो म्हाने बांथी भरसी।
जाने कितने दिन पाछे आज बाबो मिलसी।म्हाने बाबो मिलसी। देखता ही बाबो म्हाने बांथी भरसी।
मांगे हैं विदाई जद कालजे को टुकड़ों। उत्तर सो जावे रे महारो बाप जी को मुखडो।म्हाने पाछा जाता देख इनकी आंख्या भरसी।देखता ही बाबो म्हाने बांथी भरसी।
जाने कितने दिन पाछे आज बाबो मिलसी।म्हाने बाबो मिलसी। देखता ही बाबो म्हाने बांथी भरसी।