आई शिव रात्रि आई सारे जग में खुशिया छायी
हो करते बम बम की जयकार
चलो रे चलो रे चलो रे शिव शंकर के द्वार।
ब्रह्मा महूरत में कर स्नान एक लोटा जल भर ले आना।
बेल पत्र फूल चड़ा शिव शंकर को आज रिझाना
है आया लो आया भोले के त्योहार
चलो रे चलो रे चलो रे शिव शंकर के द्वार।
जग में ना महादेव है दूजा
घर घर होती शिव की पूजा
राम मनाये रावण पूजा
सुख दुख में शिव नाम ही सुझा।
खड़े हैं हाथ जोड़ नर नारी
चलो रे चलो रे चलो रे शिव शंभू के द्वार।
भोले का है भेष निराला
कानो में कुंडल गल मुंड मल
माथे चंदा का उजियाला
कर डमरू और गले नाग है कला
है बहती शीश जटा गंगा धारी
चलो रे चलो रे चलो रे शिव शंकर के द्वार।
व्रत करलो कैलाश पति का
हो दर्शन शिव पार्वती का
छोड दे मोह माया का चक्कर
लक्खा हो जा शुद्ध मति का
ये कहता राजपाल हर बारी
चलो रे चलो रे चलो रे
शिव शंकर के द्वार।
आई शिव रात्रि आई सारे जग में खुशिया छायी
हो करते बम बम की जयकार
चलो रे चलो रे चलो रे शिव शंकर के द्वार।