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शिव भजन लिरिक्सshiv bhajan lyrics

Shiv Shankar ki saji hai barat suhani lage raat,शिव शंकर की सजी है बारात सुहानी लगे रात दुल्हन बनी पार्वती,shiv bhajan

शिव शंकर की सजी है बारात सुहानी लगे रात दुल्हन बनी पार्वती।

शिव शंकर की सजी है बारात सुहानी लगे रात दुल्हन बनी पार्वती।शिव शंकर की सजी है बारात सुहानी लगे रात दुल्हन बनी पार्वती।

कौन का बन्ना कौन की बन्नी, कौन घर हुआ है ब्याह सुहानी लगे रात, दुल्हन बनी पार्वाती।शिव शंकर की सजी है बारात सुहानी लगे रात दुल्हन बनी पार्वती।

आदि अनादि हिमाचल की कन्या, हिमांचल ब्याह रचाये सुहानी लगे रात, दुल्हन बनी पार्वती।शिव शंकर की सजी है बारात सुहानी लगे रात दुल्हन बनी पार्वती।

ब्रह्मा भी आये विष्णु भी आये। नारद बिन बजाय सुहानी लगे रात, दुल्हन बनी पार्वती।शिव शंकर की सजी है बारात सुहानी लगे रात दुल्हन बनी पार्वती।

हरे हरे बांस और आम के पत्ते। कोरे कोरे कलश धराए सुहानी लगे रात, दुल्हन बनी पार्वती।शिव शंकर की सजी है बारात सुहानी लगे रात दुल्हन बनी पार्वती।

जब गौरा की पढ़त भंवरिया। देवता फूल बरसाए सुहानी लगे रात ,दुल्हन बनी पार्वती।शिव शंकर की सजी है बारात सुहानी लगे रात दुल्हन बनी पार्वती।

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