हरी द्वार की याद सतावे भोले कद सी बुलावेगा,शिव शंकर केलाश पति कद नील कंठ पे आवेगा,
सावन बीता जान लाग रहया घना करे जी आने को।तडफन लगया बहुत मेरा तेरी गंगा जी में नहाने को।हरी की पैडी उपर भोले गोता कब लगवावेगा।शिव शंकर केलाश पति कद नील कंठ पे आवेगा,
केलाशी महादेव सुनो तुम नील कंठ महाकाल मेरी।दीवाना हु चढी खुमारी दर्शन को फिलहाल तेरी।डूब रही मजधार बता कद नैया पार लगावेगा।शिव शंकर केलाश पति कद नील कंठ पे आवेगा,
टीकम नागर एकला खड़ा तेरे गलियारे में।
बम बम की जैकार सुना दे कावडीयो के लारे में।
कहे पूजा शर्मा टीर तने दिल से नाच मनावेगा।
शिव शंकर केलाश पति कद नील कंठ पे आवेगा,
हरी द्वार की याद सतावे भोले कद सी बुलावे गा,शिव शंकर केलाश पति कद नील कंठ पे आवेगा,