Categories
शिव भजन लिरिक्सshiv bhajan lyrics

Kalo ke kaal shiv mahakal,कालों के काल शिव महाकाल,shiv bhajan

कालों के काल शिव महाकाल,

कालों के काल शिव महाकाल, जिसे कौन छुए शिव किसकी ढाल। गंगा है जटा में सर्प भाल। तन पर भभूति गले सर्प माल। शिव में समाई सारी सृष्टि सृष्टि में शिव है समाया। ओम नमः शिवाया ,शिवाय ओम नमः शिवाय, शिवाय ओम नमः शिवाय

पीके भंग भोले मलंग जब योगिनियों के संग डोले।भूत प्रेत औघड़ झूमे वहां काल जयकारे जब बोले। कर्म तराजू शिव का डमरू पाप पुण्य सबका तोले अगड़ बम बबम बगड़ बम बबम शिव में रंगी धड़कन बोले।

ओम नमः शिवाया ,शिवाय ओम नमः शिवाय, शिवाय ओम नमः शिवाय।ओम नमः शिवाया ,शिवाय ओम नमः शिवाय, शिवाय ओम नमः शिवाय।

Leave a comment