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हनुमान (बालाजी) भजन लिरिक्स hanuman balaji bhajan lyrics

Jab hanumat ka hath apne sar,जब हनुमत का हाथ अपने सर,balaji bhajan

जब हनुमत का हाथ अपने सर।

रूह कांप रही थी मेरी,
मन में डर डर डर था…
मन बोला जय जय बजरंग वली
जय जय वीर हनुमान,
काहे को डर
जब हनुमत का हाथ अपने सर।



एक सुनसान भयंकर रात थी
घोर घोर अंधेरे की बात थी
काप रहा था सारा अंग अंग
मन से बोला जय जय बजरग
बोला हनुमते और पहुंच गया घर।

रूह कांप रही थी मेरी,
मन में डर डर डर था…
मन बोला जय जय बजरंग वली
जय जय वीर हनुमान,
काहे को डर
जब हनुमत का हाथ अपने सर।



भूत चुड़ैल पास नही भटकते
जब हनुमान का नाम रटते
हर मुश्किल का हल हनुमान
तन मन धन से करो ध्यान।और हो जाओ निडर

रूह कांप रही थी मेरी,
मन में डर डर डर था…
मन बोला जय जय बजरंग वली
जय जय वीर हनुमान,
काहे को डर
जब हनुमत का हाथ अपने सर।

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