तर्ज, जीजा तू काला मैं गोरी घनी
भोले तुम पर्वत हम नीचे खड़े। दर्शन को आए दोनों जने।
भोले हाथ में लोटा पानी का। भोले तुम्हें नहलाये दोनों जने।भोले तुम पर्वत हम नीचे खड़े। दर्शन को आए दोनों जने।
भोले हाथ कटोरी चंदन की। तुम्हें तिलक लगाए दोनों जने। भोले तुम पर्वत हम नीचे खड़े। दर्शन को आए दोनों जने।
भोले हाथ में माला फूलों की। तुम्हें हार पहनाये दोनों जने।।भोले तुम पर्वत हम नीचे खड़े। दर्शन को आए दोनों जने।
भोले हाथ में लोटा भंगिया का। हम भोग लगाएं दोनों जने। भोले तुम पर्वत हम नीचे खड़े। दर्शन को आए दोनों जने।
भोले शरण तुम्हारी आए हैं। भोले नैया पार लगा देना। भोले तुम पर्वत हम नीचे खड़े। दर्शन को आए दोनों जने।